संदिग्ध हालात में जिला जेल में कैदी की मौत-
दमोह। जिला जेल में हत्या मामले में 10 दिन पूर्व ही निरुद्ध हुए एक कैदी की संदिग्ध हालात में मौत हो जाने का घटनाक्रम सामने आया है। मृतक के परिजनों ने जेल पुलिस पर समय पर उपचार एवं दवाएं उपलब्ध नहीं करा ने जैसे गंभीर आरोप लगा कर जांच की मांग की है।
प्राप्त जानकारी हटा के रोसरा गांव निवासी अंगद पिता मर्दन लोधी एवं इनके भाई नेपालसिंह तथा के अन्य आरोपी हत्या के एक पुराने मामले में सजा के बाद जमानत पर थे। इन्होंने सजा के खिलाफ पहले हाई कोर्ट फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अपील में सजा बरकरार रहने पर यह तीनों फरार हो गए थे। जिसके बाद 18 मई को रोसरा गांव में एक शादी समारोह के दौरान पुलिस ने अंगद तथा नेपाल सिंह को पकड़ने में सफलता हासिल की थी। इनको कोर्ट में पेश किए जाने के बाद 20 मई को जिला जेल भेज दिया गया था।
10 दिन बाद ही बुधवार 29 मई को अचानक अंगद के सीने में दर्द उठने के बाद हालत बिगड़ने पर मौत हो गई। बाद में जिला अस्पताल लाये जाने पर ड्यूटी डॉक्टर ने सीने में पंपिंग करके उसकी सांसे लौटाने का प्रयास किया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इधर अपने चाचा की मौत की सूचना पाकर जिला अस्पताल पहुंचे भतीजे मुकेश लोधी ने जेल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए है । मुकेश ने बताया कि उसके बड़े पापा अंगद लोधी हॉट तथा ब्लड प्रेशर के पेशेंट थे। उनके जेल जाने के बाद उसने डॉ मनीष पटेल की दवाइयां लिखा पर्चा जेल में देते हुए उनके हार्ट पेशेंट होने की जानकारी देकर दवाएं उपलब्ध कराने अपील की थी। लेकिन जेल प्रबंधन ने न उनकी जांच कराई और न उनको दवाएं उपलब्ध कराई। जिससे आज अटैक आने से उनको नही बचाया जा सका।
इस पूरे मामले में फिलहाल जेल का कोई भी अधिकारी अपना बयान देने सामने नहीं आया है। वही पुलिस ने मजिस्ट्रेट के समक्ष पंचनामा कार्यवाही करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अब पीएम रिपोर्ट और मजिस्ट्रेट जांच के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो सकेगा। लेकिन मृतक के परिजनों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों से जिला जेल में आवश्यक उपचार सुविधा की पोल खोलकर रख दी है। यदि कलेक्टर महोदय जिला जेल का आकस्मिक निरीक्षण करें अनेक चौकाने वाले हालत उजागर हो सकते है।
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