तहसीलदार कोर्ट में आग भड़कने से मचा हड़कंप-
दमोह। जबेरा तहसील कार्यालय में भड़की भीषण आग से तहसीलदार कोर्ट के महत्व पूर्ण दस्तावेजो के जलकर खाक हो जाने का घटनाक्रम सामने आया है। आग लगने के घंटों बाद पुलिस तथा फायर बिग्रेड के मौके पर पहुंचने लेकिन तब तक फर्नीचर सहित अन्य सामान भी जल जाने जैसे हालात के बाद पुलिस ने तहसील परिसर को सील कर दिया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि लाखों रुपए खर्च करके लगाए गए सीसीटीवी कैमरे बन्द होने से घटना कट तस्वीर और वीडियो रिकार्ड नही हो सकी।
जिला मुख्यालय से करीब 35 किमी दूर जबेरा ब्लाक के तहसील कार्यालय में खिड़की के जरिए सेंध लगा कर आगजनी घटना को अंजाम दिए जाने जैसे हालात सामने आने के घटनाक्रम ने लोगों को चौंका कर रख दिया है। आगजनी की इस घटना का केंद्र बिंदु जबेरा तहसीलदार का न्यायालय रहा। जहां की सारी सामग्री और महत्वपूर्ण दस्तावेज आग से जलकर खाक हो जाने की जानकारी सामने आ रही है। आग इतनी भीषण थी कमरे में लगे पंखे आदि भी तपन में पिघल कर लटक गए।
बताया जा रहा है कि सोमवार सुबह 9 बजे के करीब तहसील कार्यालय भवन से धुआं निकलता देख कर इसकी सूचना पुलिस व तहसीलदार को दी गई। बाद में तेंदूखेड़ा नगर पंचायत की फायर बिग्रेड मौके पर पहुंची। लेकिन तब तक तहसीलदार कोर्ट में रखें अधिकांश दस्तावेज और पुराने रिकॉर्ड जल कर खाक हो चुके थे। फर्नीचर सहित अन्य सामान की पूरी तरह से आग में झुलस चुका था।
दीवारों में दरार आ गई थी। तहसीलदार कोर्ट की खिड़की का कांच टूटा पाए जाने वहांं पर एक स्टूल रखा होने तथा पीछे का दरवाजा खुला होने से अंदाजा लगाया जा रहा है कि आगजनी की वारदात को यहीं से अंजाम दिया गया होगा। तथा इसमें कुुुछ जानकार लोग भी जरूर शामिल रहे होंगे। जिनमें तहसील के कर्मचारियों के शामिल होने की आशंका भी बनी हुई है।
स्थानीय निवासियों के अनुसार प्रथम दृष्टया यह पूरा घटनाक्रम किसी षड़यंत्र का हिस्सा नजर आ रहा है। पुलिस जांच के बाद आग लगने के कारण तथा इस साजिश के पीछे कौन लोग थे इस के खुलासे की उम्मीद की जा रही है। फिलहाल पुलिस ने तहसील कार्यालय को सील कर दिया है। सबसेे महत्वपूर्ण बात यह है कि यहांं लगे सीसीटीवी कैमरे भी महीनों से बंद बताए गए जिससे इनमेंं भी वारदात के रिकॉर्ड नहीं हो पाई होगी।
तहसील कार्यालय में अधिकांश रिकॉर्ड किसानों से संबंधित होने, नामांतरण बटवारे से लेकर किसानों की ऋण अनुदान अन्य योजनाओं के प्रकरण भी होने जैसी संभावनाओं के चलते दमोह कलेक्टर से अपेक्षा की गई है कि आगजनी की इस साजिश की उच्चस्तरीय जांच कराएं। जिससे इस घटना का मकसद तथा इसके छिपे चेहरे बेनकाब हो सकें।
तहसील कार्यालय में अधिकांश रिकॉर्ड किसानों से संबंधित होने, नामांतरण बटवारे से लेकर किसानों की ऋण अनुदान अन्य योजनाओं के प्रकरण भी होने जैसी संभावनाओं के चलते दमोह कलेक्टर से अपेक्षा की गई है कि आगजनी की इस साजिश की उच्चस्तरीय जांच कराएं। जिससे इस घटना का मकसद तथा इसके छिपे चेहरे बेनकाब हो सकें।
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