टिकिट की रेस में प्रताप ने बाबाजी से बाजी मारी-
दमोह। दमोह संसदीय क्षेत्र से भाजपा के घोषित प्रत्याशी और सांसद प्रहलाद पटेल का मुकाबला अब कांग्रेस के प्रताप सिंह से होगा। अब दमोह लोकसभा क्षेत्र में चुनाव की जंग भाजपा तथा कांग्रेस के लोधी प्रत्याशी के बीच ही होगी। इधर जातिवादी राजनीति को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री राजा पटेरिया का भी एक बड़ा बयान सामने आया है। जिसमें जातिवादी राजनीति को लेकर भी उनकी पीड़ा झलकती नजर आ रही है।
दमोह लोकसभा क्षेत्र से कल तक कांग्रेस टिकट की रेस में सबसे आगे रहे पूर्व मंत्री पूर्व सांसद रामकृष्ण कुसमरिया के मुकाबले आज जबेरा के पूर्व विधायक प्रताप सिंह ने बाजी मार ली है। दमोह संसदीय क्षेत्र से विधानसभा चुनाव में चार लोधी विधायक चुने जाने के बाद भाजपा ने जहां अपने लोधी सांसद प्रहलाद पटेल पर फिर से भरोसा जताया था वही अब कांग्रेस ने भी लोधी प्रत्याशी तय करके अपने इरादे साफ कर दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा से बगावत कर के निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया को भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था। वही मप्र में कांग्रेस सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कुसमरिया को कांग्रेस का हमराह बना लिया था। तभी से कुसमरिया बाबा के कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी होने की अटकलें लगाई जा रही थी।
इधर कुसमरिया को कांग्रेस टिकट की खबर से पुराने कांग्रेसियों तथा टिकट के दावेदारो की प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी थी। पूर्व मंत्री और टिकट के दावेदार मुकेश नायक ने जातिवादी राजनीति पर कटाक्ष करते हुए टिकट की रेस से खुद को अलग कर लिया था।कल जब कांग्रेस टिकिट की रेस में प्रताप सिंह और रामकृष्ण कुसमरिया के नाम में से किसी एक के तय होने की खबर आई थी तब कांग्रेस टिकट के दावेदार और मंत्री राजा पटेरिया का दर्द मीडिया के सामने नजर आया।
उन्होंने टिकट की रेस में बाबाजी के प्रताप के साथ अपना भी नाम होने की बात स्वीकारते हुए यह भी कह दिया की उन्होंने इच्छा जताई थी टिकिट नही मांगी। श्री पटेरिया जातिवादी राजनीति को प्रजातंत्र का सबसे बड़ा शत्रु बताते हुए इशारों ही इशारों में अपनी पीड़ा को व्यक्त करते दिखे थे। अब जबकि पूर्व विधायक प्रताप सिंह लोधी का नाम दमोह संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस टिकट के लिए फाइनल हो चुका है तथा शाम को आने वाली कांग्रेस की सूची में नाम घोषित कर दिया जाएगा ऐसे में अब सवाल यही उठ रहे है कि भाजपा में विधानसभा टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलिय ताल ठोकने वाले बाबा कुसमरिया क्या कांग्रेस से लोकसभा टिकट कटने के बाद फिर से निर्दलीय ताल ठोकने का साहस दिखा पायंगे अथवा नही।
हालांकि कांग्रेस सूत्रों का कहना है बाबाजी को विश्वास में लेकर ही दमोह से प्रताप सिंह की टिकट को हरी झंडी दी गई है वहीं बाबा जी का उपयोग मुख्यमंत्री कमलनाथ पूरे बुंदेलखंड में भाजपा के खिलाफ बिगुल फूंकने में करेंगे। बाबाजी नाम का यह रामबाण आने वाले चुनाव में भाजपा का कितना नुकसान करेगा इसका पता चुनाव नतीजों के बाद ही लगेगा। फिलहाल तो भाजपा के प्रह्लाद के मुकाबले कांग्रेस के प्रताप सिंह अपने सजातीय बंधुओं को किस हद तक अपने पक्ष में करने में सफल रहते हैं इसको लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है।
कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप सिंह दिल्ली से दमोह के लिए रवाना होने की खबरों के बीच बुधवार शाम दमोह रेलवे स्टेशन पर जोरदार स्वागत की तैयारियां की गई है। वही लोधी समाज के कुछ अन्य दावेदारो के अभी भी कांग्रेस टिकिट की जुगाड़ में दिल्ली में डेरा डाले रहने की जानकारी भी सूत्रों से सामने आ रही है। अटल राजेंद्र जैन की रिपोर्ट
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