चौरसिया हत्याकांड के 5 आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़े
दमोह। जिले के हटा थाना अंतर्गत 23 दिन पूर्व हुए देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड के 5 अन्य आरोपी पुलिस के हत्थे चढे है। वहीं विधायक पति और जिला पंचायत अध्यक्ष के पुत्र सहित 10 आरोपियों की पुलिस को अभी भी तलाश है।
हटा के लाडले नेता ठेकेदार देवेंद्र चौरसिया के बसपा छोड़कर 12 मार्च को दमोह में मुख्यमंत्री कमलनाथ के समक्ष कांग्रेस में शामिल होने के तीसरे ही दिन 15 मार्च को हटा में जानलेवा हमला करके हत्या कर दी गई थी। मामले में बसपा विधायक राम बाई के रिश्तेदार तथा जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल के पुत्र सहित 7 नामजद आरोपी बनाए गए थे। वहीं घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने 19 अन्य आरोपियों को चिन्हित किया था। इस हत्याकांड के बाद हटा में लगातार विरोध प्रदर्शन तथा तत्कालीन एसपी को भी आरोपों का सामना करना पड़ा था। इधर बसपा विधायक रामबाईं इसे लगातार राजनीतिक साजिश बताती रही थी।
बाद में कुछ गिरफ्तारीयों के बाद दमोह एसपी आर एस. बेलवंशी का तबादला होते ही नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी का क्रम शुरू हो गया था। वर्तमान एसपी विवेक सिंह के निर्देशन में अभी तक इस मामले में 7 नामजद आरोपियों में से 5 की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह तथा जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल के पुत्र इंद्रपाल तक पुलिस के हाथ नही पहुच सके है। 19 अन्य आरोपियों में से 6 को पहले पकड़ चुकी पुलिस के हत्थे अब 5 अन्य आरोपी और लगे है। जिनको आज हटा कोर्ट में पेश किया गया। इन 5 आरोपियों के नाम सोहेल पठान और शाहरुख खान हटा तथा संदीप तोमर, मानसिंह तोमर तथा आकाश परिहार बताए जा रहे है।
मामले में हटा एसडीओपी कमल कुमार जैन का कहना है कि जल्दी ही अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। आज पकड़े गए आरोपियों की गिरफ्तारी को पुलिस ने विभिन्न थाना पुलिस की मदद से बड़ी कामयाबी बताया है। जबकि इनकी गिरफ्तारी के पहले ही खबर के मीडिया की सुर्खियां बन जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ जानकार सूत्र इन गिरफ्तारी के पीछे कुछ अलग कहानी बताते नजर आ रहे हैं।
बसे जब्त होने के बाद पेश हुए दो आरोपी-
मामले में सोहेल पठान और शाहरुख खान को दमोह सीएसपी मुकेश अविद्रा के द्वारा गिरफ्तार किए जाने की जानकारी पुलिस द्वारा दी जा रही है। जबकि जानकार सूत्रों का कहना है कि आरोपी सोहेल खान की दो बसों को रनेह तथा गैसाबाद थाना पुलिस द्वारा पकड़ कर थाने में रखवा लिया गया था। जिसके बाद से सोहेल खान कुछ शर्तों के साथ हटा एसडीओपी के समक्ष पेश होने की कोशिश में जुटा हुआ था। लेकिन हटा एसडीओपी द्वारा शर्तें मानने से इनकार कर देने पर सोहेल तथा शाहरुख दमोह में सीएसपी मुकेश अविद्रा के समक्ष पेश हुए। बताया जा रहा है कि इनको गिरफ्तारी के बाद थाने में खड़ी बसे छोड़ देने तथा मारपीट नही करने का भरोसा दिलाया गया था। इधर इनकी गिरफ्तारी पुलिस रिकार्ड में दर्ज होने के पहले ही कुछ खबरचियो द्वारा खबर ब्रेक कर दिए जाने से पुलिस के साथ इनकी मिलीभगत भी आरोपियों से होने के संदेह जताए जा रहे हैं।
कुल मिलाकर देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड के 10 आरोपी अभी भी फरार है। जिनमें से 25-25 हजार के दो नामजद आरोपियों के अलावा 8 अन्य को गिरफ्तार करना पुलिस के लिए अभी भी चुनौती बना हुआ है। वहीं सूत्रों का कहना है कि कुछ नेता तथा दलाल नुमा तत्व इनको भी पेश कराने की सेटिंग बनाने में लगे हुए हैं
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