चुनाव के पहले अपनो के निशाने पर सांसद पटेल-
दमोह। संसदीय क्षेत्र से दूसरी बार भाजपा प्रत्याशी बनाए गए सांसद प्रहलाद पटेल को चुनाव के पूर्व अपनो के निशाने पर है। यहा तक कि उनको अब सोशल मीडिया स्ट्राइक का सामना करना पड़ रहा है। टि्वटर पर लगातार सक्रिय रहने वाले सांसद के खिलाफ उनके अपने ही दल के नेताओं द्वारा फेसबुक तथा व्हाट्सएप पर निशाना साधा जा रहा। इधर कांग्रेस टिकट की दावेदारी कर रही जया ठाकुर द्वारा चुनाव आचार संहिता मामला दर्ज होने पर सांसद पहलाद पटेल के चुनाव लड़ने पर रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल करने की खबर सामने आ रही है।
सांसद प्रहलाद पटेल के अक्खड़ स्वभाव और बड़बोले पन के हालात जग जाहिर है। विपक्षी नेताओं से अधिक पार्टी के लोग अक्सर श्री पटेल की दो टूक जबावी से मन मसोस कर रह जाते है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपनी आहत भावनाओं का इजहार सोशल मीडिया के जरिए करने से नहीं चूकते है। ऐसे ही एक शख्स युवा मोर्चा के पटेरा ब्लॉक के महामंत्री लुहारी के राजेश ठाकुर द्वारा फेसबुक पर सांसद प्रहलाद पटेल से जान की खतरा वाली पोस्ट पिछले कुछ दिनों से चर्चाओं में बनी हुई थी।
सांसद प्रहलाद पटेल के दमोह स्थित आवास पर शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान भी इस पोस्ट को लेकर सवाल किए गए। जिस पर श्री पटेल का कहना था कि वह विधानसभा चुनाव से इस तरह की पोस्ट लिख रहा है। इसे लेकर सांसद ने एसपी से जांच कराने पत्र लिखने की बात भी कही। इधर मीडिया के संज्ञान में मामला आते ही सांसद के इशारे पर युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष प्रमोद विश्वकर्मा द्वारा पटेरा मंडल के महामंत्री राजेश ठाकुर को पार्टी से निलंबित किए जाने का पत्र शुक्रवार शाम जारी कर दिया गया।
जिसके बाद राजेश ठाकुर निलंबन संबंधित पोस्टों को भी ब्रेकिंग न्यूज़ के तौर पर डालते नजर आए। इसी के साथ मामले के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की सुर्खियां बनते देर नहीं लगी। न्यूज़ चैनलों में सांसद से जान के खतरे वाली पोस्ट खबर में तब्दील होकर टीआरपी बटोरती रही। इधर पिछले लोकसभा चुनाव के समय सांसद श्री पटेल द्वारा मलहरा क्षेत्र में दिए बयान "भाजपा बनिया ब्राह्मणों की पार्टी नहीं" की दैनिक भास्कर में छपी खबर की कतरन भी सोशल मीडिया पर लगातार वायरल होती नजर आई।
सांसद के इस पुराने बयान को वर्तमान संदर्भ से जोड़ कर सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जाने के बाद शनिवार को सांसद समर्थक कुछ युवा भी इस मुद्दे के खिलाफ सक्रियता दर्ज कराते नजर आए। एसपी ऑफिस पहुंचकर भाजपा के IT सैल के अध्यक्ष अमन राय ने एक लिखित शिकायत देकर सोशल मीडिया पर सांसद के खिलाफ बदनाम करने के लिए और रचे जा रहे षड्यंत्र पर कार्यवाही की मांग की।
इन सभी घटनाक्रमों को देख कर मीडिया ने शनिवार को जब दमोह घी विवेक कुमार सिंह से बात की तो उनका कहना था उनके पास ऐसी कोई शिकायत नहीं है जिसमें सांसद द्वारा किसी को जान से मारने की धमकी दी गई हो या जान का खतरा बताया गया हो। एसपी का यह भी कहना था कि आज मिली शिकायत सहित वह पूरे मामले की जांच करा रहे है।
इसके पूर्व कल सांसद आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान पत्रिका अखबार की खबर को झूठा करार देते हुए सांसद द्वारा इसकी शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष किए जाने की प्रति जारी की गई थी। सांसद कि उक्त प्रतिक्रिया के जवाब में आज पत्रिका अखबार में प्रकाशित खबर में सांसद आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ताओं को भी चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की श्रेणी में मानते हुए जिला प्रशासन तथा निर्वाचन आयोग का ध्यान आकर्षित कराया गया है।
वहीं दूसरी ओर पत्रकार वार्ता में सांसद प्रह्लाद के साइड में बैठे जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण की उपस्थिति को लेकर अतुल्य भास्कर नाम के समाचार पत्र में बड्डा को देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड के फरार आरोपी के पिता के रूप में चिन्हित करते हुए सब हेडिंग से नवाजा गया है।
इधर सांसद से जान के खतरे की पोस्ट फेसबुक पर करने वाला युवा नेता भाजपा के पूर्व प्रदेश मंत्री रहे जिला पंचायत सदस्य राघवेंद्र सिंह ऋषि लोधी का समर्थक बताया गया है। इधर सोशल मीडिया पर एक और खबर वायरल हो रही है जिसमें सांसद पटेल के खिलाफ चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज होने पर इनके चुनाव लड़ने पर रोक की मांग की याचिका कांग्रेस नेता जया ठाकुर द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर किये जाने की बात सामने आ रही है। जिसकी पूरी अपडेट के साथ जल्द मिलते हैं
इन सभी हालातों के सामने आने के बाद कहा जा सकता है कि चुनाव के पूर्व सांसद प्रहलाद पटेल सोशल मीडिया स्ट्राइक के घेरे में है। जिसके पीछे कहीं ना कहीं उनकी अपनी पार्टी और उनकी अपनी समाज से जुड़े लोग शामिल हैं।
इन सभी हालातों के सामने आने के बाद कहा जा सकता है कि चुनाव के पूर्व सांसद प्रहलाद पटेल सोशल मीडिया स्ट्राइक के घेरे में है। जिसके पीछे कहीं ना कहीं उनकी अपनी पार्टी और उनकी अपनी समाज से जुड़े लोग शामिल हैं।
इन सब की एक वजह सांसद कार्यालय से लेकर सांसद के इर्द-गिर्द चंद चापलूसो का जमाबड़ा हमेशा बने रहने तथा श्री पटेल तक आम कार्यकर्ताओं की बात और भावनाओं का इजहार नहीं हो पाना भी बताया जा रहा है। समय रहते सांसद श्री पटेल ने इसे गंभीरता से नही लिया तो हम जैसे उनके और भी प्रशंसको को दूर होते देर नहीं लगेगी। अटल राजेन्द्र जैन की रिपोर्ट
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