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खून की होली..पत्नी के चरित्र सन्देह में 7 माह के बेटे की गर्दन काटकर थाने पहुच गया कातिल पिता..

शक के चलते 7 माह के मासूम की निर्मम हत्या-
दमोह। पटेरा थाना अंतर्गत कुंडलपुर के समीप सिंगपुर गांव में निर्दयता की हदों को पार करते हुए एक पिता द्वारा 7 माह के मासूम बेटे को मौत के घाट उतार देने का सन सनीखेज घटना क्रम सामने आया है। वारदात के बाद आरोपी ने थाने पहुंचकर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। वारदात की वजह पत्नी की चरित्र पर संदेह को लेकर होने वाला घरेलू विवाद बताया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पटेरा सिंगपुर निवासी धीरज बर्मन नाम के युवक ने सोमवार को अपने साथ मायके मासूम बेटे की धारदार हंसिये से गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी। वारदात के वक्त पत्नी घर पर नहीं थी। वहीं बाद में आरोपी ने पटेरा थाना पहुंचकर घटना की जानकारी पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस ने मासूम के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया है। 

घटना की जानकारी लगने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई वहीं आरोपी की पत्नी तथा पिता भी पटेरा थाने पहुंच गए। आरोपी के पिता भूरा बर्मन ने घटना के पीछे आये दिन होने वाले घरेलू विवाद को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं पत्नी ने वारदात के वक्त घर पर नहीं होने की बात कही है। फिलहाल पत्नी कुछ भी साफ-साफ कहने से बचते नजर आ रही है। लेकिन उसके चेहरे पर बेटे के जाने की गम जैसा कोई दुख या शिकन भी नजर नहीं आ रही थी।

 जबकि ग्रामीणजनों का कहना है कि आरोपी धीरज अपनी पत्नी के चरित्र पर शक करता था। शादी के बाद 9 माह के पहले बेटा हो जाने से उसे लगता था कि शायद यह किसी और की संतान है। बताया जा रहा है कि इसी शंकालु प्रवति के चलते आज जब पत्नी घर से बाहर गई थी। तभी आरोपी ने 7 माह के मासूम की हत्या कर दी।


घटना के बाद पुलिस थाने में बैठे आरोपी के चेहरे पर जहां पश्चाताप के कोई भाव नजर नहीं आ रहे थे। वहीं आरोपी पिता का कहना नाम है कि उसकी पत्नी के  अपने के मायके में गांव के एक अन्य युवक से संबंध थे।  वह युवक उसे पहले भी धमकी दे चुका था।  तथा याह बच्चा उसका नहीं था इसलिए उसने उसे मार दिया । पुलिस ने धारा 302 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर के विवेचना शुरू कर दी है। वारदात के बाद सिंगपुर गांव तथा बर्मन परिवार में शोक की लहर छाई हुई है। हर कोई हत्यारे पिता की करतूत को कोसता नजर आ रहा है। जबकि एफएसएल टीम ने दमोह से पहुंचकर घटना स्थल की जांच करते हुए साक्ष्य एकत्रित करना शुरू कर दिए।
होली के मौके पर बेटे की हत्या की इस घटना ने पौराणिक ग्रंथों में वर्णित हिरणाकश्यप के द्वारा अपने बेटे को मौत के घाट उतारने के प्रयास की कहानी की याद दिला दी है। यह बात अलग है कि उस समय प्रहलाद को जलाकर मारने के चक्कर में होलिका खुद जलकर मर गई थी। लेकिन आज इस मासूम को बचाने के लिए कोई नही पहुच सका। पटेरा से बादशाह खान की रिपोर्ट

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