बाबा जी के बाद चन्द्रभान सिंह के नाम की भी चर्चा-
दमोह के पूर्व सांसद और पूर्व कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया के 8 फरवरी को भोपाल में राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल होने की खबरो के बीच पूर्व सांसद चन्द्रभान सिंह के भी कांग्रेस नेताओं के संपर्क में होने की खबरे आ रही है। यदि कांग्रेस से लोकसभा टिकट के लिए इन नेताओं को हरी झंडी दे दी गई तो इनका कांग्रेस में जाना तय बताया जा रहा है।
इधर जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल अपने खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के बाद कुर्सी बचाने के लिए बसपा नेताओ के संपर्क में बताए गए है। हालांकि बसपा विधायक के हाथ से उनकी पार्टी समर्थक सदस्य अब बाहर निकल चुकी है। ऐसे में अब भाजपा नेताओं पर ही अपने अविश्वास प्रस्ताव मामले में आरोप लगाने से जिला पंचायत अध्यक्ष नहीं चूक रहे हैं।
कुल मिलाकर जिस तरह से भाजपा में अंदर ही अंदर घमासान मची हुई है उससे सांसद प्रहलाद पटेल की राह मुश्किल होती जाएगी। वहीं भाजपा से बगावत करने वाले पूर्व सांसद रामकृष्ण कुसमरिया को खजुराहो और चंद्रभान सिंह को कांग्रेस दमोह से टिकट देती है तब भी इन नेताओं की भाजपा से बाहर होकर चुनाव लड़ने की अनुभव और नतीजे अच्छे नहीं रहे हैं। चंद्रभान सिंह को पिछले लोकसभा के समय सांसद प्रहलाद पटेल ही भाजपा मे लाए थे। वहीं बाबाजी को विधानसभा चुनाव में भाजपा से बाहर होने के बाद दमोह तथा पथरिया से कितने वोट मिले यह भी जग जाहिर है।
इघर इन 2 सीटों से बाबाजी और चंद्रभान को टिकट देने का भरोसा देकर कांग्रेस शामिल करती है तो कांग्रेस की तरफ से तैयारी कर रहे पूर्व मंत्री मुकेश नायक और राजा पटेरिया का क्या होगा। तथा कांग्रेस कार्यकर्ता और पुराने दावेदार दूसरी पार्टियों से आये नेताओं को कहा तक बर्दाश्त कर पाएंगे इसको लेकर भी संशय बरकरार है।
इघर इन 2 सीटों से बाबाजी और चंद्रभान को टिकट देने का भरोसा देकर कांग्रेस शामिल करती है तो कांग्रेस की तरफ से तैयारी कर रहे पूर्व मंत्री मुकेश नायक और राजा पटेरिया का क्या होगा। तथा कांग्रेस कार्यकर्ता और पुराने दावेदार दूसरी पार्टियों से आये नेताओं को कहा तक बर्दाश्त कर पाएंगे इसको लेकर भी संशय बरकरार है।
हालांकि 8 तारीख को ही यह साफ होगा कि कुसमरिया और चंद्रभान कांग्रेस का हाथ थाम ते हैं अथवा नहीं। वहीं 12 तारीख के पहले ही यह लगने लगा है कि बड्डा की कुर्सी मुश्किल में फंस गई है इसीलिए वह भाजपा नेताओं पर ही खुलकर आरोप लगाने लगे हैं इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सांसद पहलाद पटेल की चुप्पी आश्चर्यजनक है।
अटल राजेंद्र जैन की रिपोर्ट
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