सांसद प्रहलाद पटेल मीडिया कर्मियों से रूबरू हुए-
दमोह। लोकसभा चुनाव टिकिट को लेकर भाजपा में अभी से घमासान शुरू हो गया है। दमोह विधानसभा से चुनाव हारने वाले मप्र के पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया की नजर सागर लोकसभा पर लगी हुई है वही गढ़ाकोटा रहली विधायक और मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक दीपू भार्गव की नजरें दमोह लोकसभा पर है। इधर पूर्व मंत्री कुसुम महदेले खजुराहो से टिकिट चाहती है। वहीं हर बार क्षेत्र बदल कर चुनाव लड़ने वाले सांसद प्रहलाद पटेल ने दमोह से ही चुनाव लड़ने का ऐलान करके सनसनी फैला दी है।
दमोह सांसद प्रहलाद पटेल के दूसरे क्षेत्र से चुनाव लड़ने की अटकलों के बीच पिछले कुछ समय से युवा नेता अभिषेक दीपू भार्गव दमोह जिले में विभिन्न आयोजनों के दौरान सक्रियता दर्ज कराते संपर्क बढ़ाते नजर आ रहे है। इधर आज सांसद श्री प्रहलाद पटेल ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान स्पष्ट कर दिया युवा है कि वह कहीं भी जाने वाले नहीं हैं। बल्कि दमोह से ही अगला लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
जिला पंचायत अविश्वास प्रस्ताव को लेकर भाजपा में मचे घमासान के बीच बुलाई गई पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए सांसद श्री पटेल ने जहां दमोह से ही अपने चुनाव लड़ने की बात कही वहीं उनके दूसरी जगह से चुनाव लड़े जाने के मामले को भी जिला पंचायत अध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव मामले से जोड़ते हुए यहां तक कह दिया कि इसके पीछे भी वही लोग हैं।
पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद रामकृष्ण कुसमरिया के कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर सांसद श्री पटेल का साफ तौर पर कहना था कि बाबा जी ने अपने जीवन का सबसे गलत निर्णय लिया है। जो आने वाले समय में उनको तथा परिवार को घातक साबित होगा। श्री पटेल ने पूर्व मंत्री कुसुम महदेले द्वारा भी लोकसभा टिकट मांगे जाने को लेकर अपनी बात रखी।
लेकिन जिस तरह से जिला पंचायत अध्यक्ष अविश्वास प्रस्ताव मामले के पीछे दमोह लोकसभा से भाजपा टिकट के दूसरे दावेदारों की शह की बात कही उससे स्पष्ट होता है कि भाजपा में अंदर ही अंदर नहीं अब सतही तौर पर भी गुटबाजी की घमासान जमकर चल रही है जिसका खामियाजा पार्टी को लोकसभा चुनाव में उठाना पड़ सकता है। अटल राजेंद्र जैन की रिपोर्ट
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