घंटाघर पर पुतला दहन से घंटे भर तक अफरा तफरी-
दमोह। प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के नाम पर भाजपा द्वारा शहर के हृदय स्थल पर किए गए पुतला दहन प्रदर्शन के दौरान भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद घंटाघर पर भी देर तक हालात बिगड़ने जैसी स्थिति बनी रही। पांचों तरफ की सड़क का ट्राफिक थमने के साथ दुकानदार, व्यापारी, राहगीर सभी लोग अनहोनी की आशंका से भयभीत हालात बने रहे।
प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भाजपा नेताओं पर हमले हत्या के घटनाक्रम सामने आने के बाद सोमवार को भाजपा ने पूर्व घोषणा के अनुसार घंटाघर पर मुख्य मंत्री कमलनाथ के पुतले का दहन का ऐलान किया था। जिसके मद्देनजर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती के साथ फायर बिग्रेड को भी घंटाघर पर बुला लिया गया था।
वही घंटाघर तरफ जाने वाले पांचों मार्गों का भारी ट्रैफिक भी डायवर्ट कर दिया गया था। भाजपा नेताओ के पुतला लाने तथा दहन से रोकने के लिए पुलिस तथा फायर बिग्रेड इंतजार कर रही थी। ज्ञापन लेने के लिए एसडीएम रविंद्र चोकसे और कानून व्यवस्था पर नजर रखने के लिए सीएसपी आलोक शर्मा और कोतवाली टीआई रविंद्र गौतम पुलिस के साथ घंटाघर पर डटे हुए थे।
इसी दौरान भाजपा के मीडिया प्रभारी मनीष तिवारी साथियों के साथ जलता हुआ पुतला लेकर दौड़ते हुए घंटाघर की तरफ आते नजर आए। वहीं एक अन्य पुतला दूसरी तरफ से जलता हुआ लेकर अन्य भाजपा नेता लेकर घण्टाघर की और पहुंचे। वही आनन-फानन में पुलिस अधिकारियों ने फायर बिग्रेड को इशारा किया। पुतले पर पानी की बौछार का निशाना चूकने के बाद भी पुतले की आग बुझते देर नही लगी।
इस दौरान पानी की तेज बौछार पड़ने से भाजपा नेताओ के कपड़े गीले होते ही उनका गुस्सा फायर बिग्रेड कर्मीयो पर टूट पड़ा। फायर बिग्रेड की बौछार चलाने पर से भाजपा नेत्री और नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती मालती असाटी अपने ही कर्मचारी को धौंस देती नजर आई। वही भाजपा जिला अध्यक्ष देवनारायण श्रीवास्तव तो पूरी तरह से धमकाने वाले अंदाज में अमर्यादित भाषा की बौछार करते कांग्रेस को गालियां देते नजर आए।
जबकि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिस की स्थिति महज मूक दर्शक बनाम मध्यस्थ जैसी बनी रही। भाजपा के पुतला दहन प्रदर्शन में पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया, हटा से भाजपा विधायक पीएल तंतुवाय, जबेरा विधायक धर्मेंद्र सिंह लोधी की भी खास मौजूदगी रही। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में जलते हुए पुतले लाकर भाजपा के नेताओं ने भले ही विपक्ष की भूमिका में जिंदादिली दिखाने का प्रयास किया हो। लेकिन घंटाघर पर हुए उनके इस प्रदर्शन से घंटे भर तक आम नागरिकों, राहगीरों, माताओ, बहिनो, दुकानदारों, वाहन चालकों की क्या स्थिति रही, वह भी अच्छे से समझ सकते हैं।
इधर प्रशासन ने प्रतिबंधित क्षेत्र घंटाघर में इस प्रदर्शन की परमिशन क्यों दी ? इसको लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस नेताओं के द्वारा पुतला दहन के दोरान भाजपा जिलााध्यक्ष द्वारा की गई गाली गलौज और फायर बिग्रेड कर्मियों से की गई अभद्रता की निंदा की गई है। वहीं पुलिस के मूकदर्शक बने रहने पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। इस मामले में कांग्रेस नेताओं द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से शिकायत किए जाने की बात भी सामने आई है। इधर पुतला दहन के बाद पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया ने क्या कुछ कहा आपको सुनाते हैं।
इधर प्रशासन ने प्रतिबंधित क्षेत्र घंटाघर में इस प्रदर्शन की परमिशन क्यों दी ? इसको लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस नेताओं के द्वारा पुतला दहन के दोरान भाजपा जिलााध्यक्ष द्वारा की गई गाली गलौज और फायर बिग्रेड कर्मियों से की गई अभद्रता की निंदा की गई है। वहीं पुलिस के मूकदर्शक बने रहने पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। इस मामले में कांग्रेस नेताओं द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से शिकायत किए जाने की बात भी सामने आई है। इधर पुतला दहन के बाद पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया ने क्या कुछ कहा आपको सुनाते हैं।
कुल मिलाकर इस तरह के पुतला दहन प्रदर्शनों के मामले मे जिंदादिली दिखाने के लिए भाजपा वालों को कांग्रेस कार्यालय के सामने तथा कांग्रेस वालों को भाजपा कार्यालय के सामने प्रशासन से प्रदर्शन की अनुमति मांगना चाहिए। तथा घंटाघर अंबेडकर चौक जैसे सार्वजनिक स्थलों पर जनता को होने वाली परेशानी को ध्यान में रखकर प्रदर्शनों से बचना चाहिए। अटल राजेन्द्र जैन की रिपोर्ट
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