फुटेरा तालाब में गिरे सांभर की जान बची-
दमोह। शीत लहर के असर के चलते जंगल की ठण्ड से शहर की ओर भागे एक सांभर के फुटेरा तालाब में गिर जाने से जान मुशिकल में फंस जाने के हालात देखने को मिले। समय रहते मछुआरों ने रस्सी की मदद से सांभर को तालाब से बाहर खींचकर उसकी जान बचा ली तथा उसे वन विभाग के हवाले कर दिया है।
रविवार सुबह ठंड से बचने के लिए लक्ष्मण कुटी क्षेत्र के जंगल से शहर की ओर भागे एक सांभर के फुटेरा तालाब में गिर जाने से और जलकुंभी के बीच फस जाने के नजारे से "आसमान से गिरे और खजूर में अटके" जैसे हालात बनते नजर आए। कुछ लोगों ने सांभर को तालाब में देखकर इसकी सूचना वन विभाग को दी।
देर तक वन विभाग के अमले के नहीं पहुंचने पर स्थानीय मछुआरों ने तालाब में उतर कर सांभर को पकड़ने का प्रयास किया। लेकिन डर कर सांभर पानी में और अंदर गहराई की तरफ बढ़ कर डूबने लगा। जिसके बाद रस्सी का फंदा बनाकर उस में फसा कर सांभर को किनारे पर लाया गया।
कड़ाके की ठंड और तालाब के ठंडे पानी में डूबे रहने की वजह से "दूबरे और दो आषाढ़" की कहावत को चरिततार्थ करते हालत में पानी से निकाले जाने के बाद तालाब किनारे गुनगुनी धूप में सूखने ओर सांभर की हालत में सुधार के साथ उसकी "जान में जान" आती नजर आई। करीब 2 घंटे बाद वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा तब स्थानीय मछुआरों और लोगों ने सांभर को समर को उनके हवाले कर दिया। मामले में रेंजर का कहना था कि इससे मेडिकल चेकअप के बाद सिंगोर गढ़ अभ्यारण में स्वतंत्र वितरण के लिए छोड़ दिया जाएगा।
आपके आसपास भी यदि कोई जंगली जीव जंतु या पशु पक्षी ठंड से आकुल व्याकुल देखें तो उनकी मदद हेतु मानवीय धर्म का निर्वहन करने से नहीं चूके। क्योंकि ऊपर वाला मदद करने के ऐसे अवसर हम सभी को बार-बार नहीं देता है। अभिजीत जैन की रिपोर्ट
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