शीत लहर में तापमान 2.6 डिग्री तक गिरा-
रवि सीजन की फसल चना के अलावा अन्य फसलों में भी तुषार नजर आने लगा है। सब्जियों में भी आलू भटा बेगन के पेड़ं में तुषार के हालात ने किसानों की चिंता बड़ा दी है।
दमोह। साल के आखरी दिन के पहले की रात 2018 की सबसे सर्द रात साबित हो रही है। ओस की बूंदें जहां जमने के बाद बर्फ की परत में तब्दील हो रही हैं। वहीं वनस्पति और खेत में लगी फसलों पर पाला का असर नजर आने लगा है।
30 दिसंबर रविवार को दिन का न्यूनतम तापमान 2. 6डिग्री दर्ज किया गया। जो 29 दिसंबर के थर्ड डिग्री टेंपरेचर से भी कम रहा। लोगों को रजाई के अंदर भी ठंड महसूस होती रही। खुले में खड़े वाहनों की स्क्रीन पर बर्फ की परत जम जाने की वजह से इस तरफ से उस तरफ का नजारा नजर नहीं आ रहा था।
गाय, बैल, भैंस, बकरी जैसे पशुओं के साथ कुत्ता बिल्ली आदि भी ठंड में कांपते हुए सार्वजनिक स्थानों पर जलने वाले अलाव की आंच का सहारा लेते देखे गए। इधर चिड़ियों, गल गलियों, कबूतर आदि पक्षियों के अलावा पेड़ों के आसपास रहने वाली गिलहरियां भी ठंड से कांपती देखी जा रही है।
सुबह के समय घरों के बाहर खड़ी कार अधिकारियों के आदि गाड़ियों के शीशे पर बर्फ की परत जम जाने से कुछ भी साफ नजर नहीं आ रहा था वहीं गाड़ियों के ऊपरी हिस्से पर भी बर्फ की परत को साफ तौर पर जमे देखा जा सकता था।
पथरिया ब्लाक के विभिन्न क्षेत्रों से किसानों ने अपनी फसल में पालर पड़ जाने और वनस्पतियों पर बर्फ की परत जम जाने की तस्वीरें भेजी है तथा इससे होने वाले फसल नुकसान की ओर ध्यान आकर्षित कराया है। आने वाले दिनों में यदि ऐसे ही हालात रहे तो फसल को काफी नुकसान पहुंचने की पूरी संभावना बनी हुई है।
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