भैंसा गांव में शेर की दहशत में सैकड़ों ग्रामीण-
दमोह। जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र से लगे गैसाबाद थाना के अंतर्गत भैंसा गांव में शेर की दहशत ने ग्रामीणों का दिन का चैन और रात का आराम छीन लिया।
शेर के पानी टंकी के पास पेड़ों के झुरमुट में टपरे में छिपे होने तथा एक एक करके आधा दर्जन लोगों को पंजा मार कर घायल कर दिए जाने की स्थिति सामने आने पर पुलिस तथा वन विभाग की टीम शुक्रवार को दिन भर गांव में डेरा डाले रही वहीं ग्रामीणों की भीड़ की दहशत के चलते शेर टंकी के पास पेड़ों के झुरमुट में छुपा रहा।
एसडीओ फॉरेस्ट, रेंजर फॉरेस्ट, थाना प्रभारी गैसाबाद सारे लोग गांव में सुबह 8 बजे से शाम के 5 बजे तक मौजूद रहे। जिनके द्वारा तेंदुआ की गांव में मौजूद की को स्वीकार किए जाने तथा उसके द्वारा गांव के कुछ लोगों को घायल कर दिए जाने पर हटा स्वास्थ्य केंद्र रेफर किए जाने जैसे हालात के बीच शेर को काबू में करने का कोई इंतजाम नहीं होना बड़ी विसंगति रही।
पेड़ों के पीछे छिपे टपरे में शेर को गांव से भागने का अवसर नही मिलने तथा दिन भर वन विभाग की रेस्क्यू टीम के नही आने से लोगों में दहशत का माहौल बना रहा तथा लोग अपनी सुरक्षा के लिए बड़े-बड़े लकड़ियों के डंडे लेकर घूमते रहे। ऐसे में यदि ग्रामीणों की गुस्साई भीड़ के बीच शेर पहुंच जाता तो उसका बचना मुश्किल होता।
बताया जा रहा है कि वन विभाग के पास सिरको शेर को काबू में करने कोई इंतजाम नहीं था जिससे अधिकारियों के निर्देश पर कर्मचारी दिन में रखवाली तो करते रहे साथ ही ग्रामीणों को यह कहकर दिलासा देते रहे कि मौका लगते ही शेर जंगल में भाग जाएगा। जबकि ग्रामीणों को किस बात का भय बना रहा कि यदि शेर जंगल के भजन गांव की बस्ती में घुस गया तो उनका क्या होगा। हरगोविंद पटेल की रिपोर्ट
दमोह। जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र से लगे गैसाबाद थाना के अंतर्गत भैंसा गांव में शेर की दहशत ने ग्रामीणों का दिन का चैन और रात का आराम छीन लिया।
एसडीओ फॉरेस्ट, रेंजर फॉरेस्ट, थाना प्रभारी गैसाबाद सारे लोग गांव में सुबह 8 बजे से शाम के 5 बजे तक मौजूद रहे। जिनके द्वारा तेंदुआ की गांव में मौजूद की को स्वीकार किए जाने तथा उसके द्वारा गांव के कुछ लोगों को घायल कर दिए जाने पर हटा स्वास्थ्य केंद्र रेफर किए जाने जैसे हालात के बीच शेर को काबू में करने का कोई इंतजाम नहीं होना बड़ी विसंगति रही।
बताया जा रहा है कि वन विभाग के पास सिरको शेर को काबू में करने कोई इंतजाम नहीं था जिससे अधिकारियों के निर्देश पर कर्मचारी दिन में रखवाली तो करते रहे साथ ही ग्रामीणों को यह कहकर दिलासा देते रहे कि मौका लगते ही शेर जंगल में भाग जाएगा। जबकि ग्रामीणों को किस बात का भय बना रहा कि यदि शेर जंगल के भजन गांव की बस्ती में घुस गया तो उनका क्या होगा। हरगोविंद पटेल की रिपोर्ट
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