दमोह पथरिया दोनों जगह से लड़ेंगे बाबाजी चुनाव-
दमोह तथा पथरिया से निर्दलीय नामांकन पत्र जमा करके सुर्खियों में आए पूर्व सांसद व पूर्व मंत्री राम कृष्ण कुसमरिया यानि भाजपा के बागी बाबाजी के तेवर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के फोन आने के बाद भी नरम नहीं हुए हैं। उन्होंने भाजपा के प्रदेश मंत्री राघवेंद्र ऋषि लोधी की तरह ही नामांकन पत्र वापस नहीं लेने तथा निर्दलीय चुनाव मैदान में डटे रहने की दो टूक सीएम से कहकर अपने इरादे साफ कर दिए हैं।
बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और चार बार के सांसद तथा चार बार के विधायक रहे पूर्व कृषि मंत्री डॉ रामकृष्ण कुसमरिया को पथरिया से भाजपा टिकट नहीं दिया जाना अब पार्टी के लिए गले की फांस बनता जा रहा है। बाबा जी ने पथरिया के अलावा दमोह से भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल करके सीधे मील वाले बाबा को भी चुनौती दे डाली है।
अपनी टिकट कटवाने तथा लखन पटेल को फिर से टिकट दिलाने में मंत्री मलैया की अहम भूमिका के चलते दमोह से भी नामांकन पत्र जमा करने की बात करने वाले बाबा जी ने दोनो जगह से फार्म वापस नहीं लेने की घोषणा कर दी हैै। उन्होंने अब गांव गांव में जाकर जनसंपर्क भी शुरू कर दिया है। बीती रात ग्रामीणों के बीच मुख्यमंत्री के फोन आने की कथा और अपनी व्यथा को कैसे सुनाया, आप भी इस वीडियो में सुन सकते हैं।
भाजपा अध्यक्ष राकेशसिंह का सन्देशा लेकर पूर्व सांसद चंद्रभान पहुचे बाबा जी के पास-
दमोह पथरिया से निर्दलीय नामांकन जमा करने के बाद बाबा जी से चर्चा मुलाकात करने वालों का तांता लगा हुआ है। इनमें अनेक लोग ऐसे भी है जो उनके इस साहसिक निर्णय की बधाई देने से भी नहीं चूक रहे हैं। बाबा जी से पूर्व सांसद व दो बार मंत्री मलैया के खिलाफ चुनाव लड़ चुके चंद्रभान सिंह की मुलाकात चर्चा का विषय बनी हुई है। हालांकि जानकारों का कहना है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने बाबा जी से चर्चा करने के लिए चंद्रभान सिंह को उनके पास भेजा था। लेकिन बाबाजी ने राकेश सिंह से मोबाइल पर बात नहीं की और चंद्रभान सिंह को निराश वापस लौटना पड़ा।
चारों सीटों पर चार निर्दलीयो के मोर्चा की तैयारी-
बाबा जी से मुलाकात करके जबेरा से बागी भाजपा के प्रदेश मंत्री राघवेंद्र लोधी एवं हटा से कांग्रेस के बागी प्रदीप खटीक आशीर्वाद प्राप्त कर चुके हैं। वही बाबा जी इन दोनों के पक्ष में हटा तथा जबेरा जाकर प्रचार करने का आश्वासन भी दे चुके हैं ऐसे में यह संभावना भी जताई जाने लगी है कि दमोह पथरिया से बाबाजी तथा जबेरा से ऋषि वह हटा से प्रदीप की पैनल निर्दलीय रूप से संयुक्त मोर्चा बनाकर जनता के सामने जा सकती है।
दमोह तथा पथरिया से निर्दलीय नामांकन पत्र जमा करके सुर्खियों में आए पूर्व सांसद व पूर्व मंत्री राम कृष्ण कुसमरिया यानि भाजपा के बागी बाबाजी के तेवर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के फोन आने के बाद भी नरम नहीं हुए हैं। उन्होंने भाजपा के प्रदेश मंत्री राघवेंद्र ऋषि लोधी की तरह ही नामांकन पत्र वापस नहीं लेने तथा निर्दलीय चुनाव मैदान में डटे रहने की दो टूक सीएम से कहकर अपने इरादे साफ कर दिए हैं।
बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और चार बार के सांसद तथा चार बार के विधायक रहे पूर्व कृषि मंत्री डॉ रामकृष्ण कुसमरिया को पथरिया से भाजपा टिकट नहीं दिया जाना अब पार्टी के लिए गले की फांस बनता जा रहा है। बाबा जी ने पथरिया के अलावा दमोह से भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल करके सीधे मील वाले बाबा को भी चुनौती दे डाली है।
अपनी टिकट कटवाने तथा लखन पटेल को फिर से टिकट दिलाने में मंत्री मलैया की अहम भूमिका के चलते दमोह से भी नामांकन पत्र जमा करने की बात करने वाले बाबा जी ने दोनो जगह से फार्म वापस नहीं लेने की घोषणा कर दी हैै। उन्होंने अब गांव गांव में जाकर जनसंपर्क भी शुरू कर दिया है। बीती रात ग्रामीणों के बीच मुख्यमंत्री के फोन आने की कथा और अपनी व्यथा को कैसे सुनाया, आप भी इस वीडियो में सुन सकते हैं।
भाजपा अध्यक्ष राकेशसिंह का सन्देशा लेकर पूर्व सांसद चंद्रभान पहुचे बाबा जी के पास-
दमोह पथरिया से निर्दलीय नामांकन जमा करने के बाद बाबा जी से चर्चा मुलाकात करने वालों का तांता लगा हुआ है। इनमें अनेक लोग ऐसे भी है जो उनके इस साहसिक निर्णय की बधाई देने से भी नहीं चूक रहे हैं। बाबा जी से पूर्व सांसद व दो बार मंत्री मलैया के खिलाफ चुनाव लड़ चुके चंद्रभान सिंह की मुलाकात चर्चा का विषय बनी हुई है। हालांकि जानकारों का कहना है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने बाबा जी से चर्चा करने के लिए चंद्रभान सिंह को उनके पास भेजा था। लेकिन बाबाजी ने राकेश सिंह से मोबाइल पर बात नहीं की और चंद्रभान सिंह को निराश वापस लौटना पड़ा।
चारों सीटों पर चार निर्दलीयो के मोर्चा की तैयारी-
यदि ऐसा होता है तो चारों क्षेत्रों में भाजपा कांग्रेस को अपनी काफी वोटों से हाथ धोना पड़ेगा। हालांकि चुनावी मुकाबले की असली तस्वीर तो 14 नवंबर को नाम वापसी के बाद सामने आएगी। लेकिन तब तक सामने आने वाले हालातों की ताजा अपडेट हम आप तक पहुंचाते रहेंगे। आपके पास भी कोई ताजी जानकारी, वीडियो हो तो जरूर भेजे। अटल राजेंद्र जैन की रिपोर्ट
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