पिछली बार बचे रहे पटवारी पर निलंबन की कार्यवाही
दमोह। सरकारी आवास पर जुआ फड़ आबाद कराने वाले पटवारी शिव शंकर पटेल को इस बार अवांछित गतिविधियां संचालित करना महंगा पड़ गया है। पिछली बार TI की खामोशी और कलेक्टर की कृपा दृष्टि से इनको आवंटित सरकारी आवास सुरक्षित बचा रहा था। परंतु इस वार कोतवाली टीआई की रिपोर्ट पर कलेक्टर विजय कुमार जे ने पटवारी को आवंटित आवास आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। जिससे 3 दिन में इन को यहां से अपना बोरिया बिस्तर समेटना पड़ेगा। इधर एडीएम रविंद्र चोकसे ने तत्काल प्रभाव से पटवारी शिव शंकर पटेल को निलंबित कर दिया है।
सोमवार शाम जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट में इस बात की पुष्टि की गई है की शासकीय आवास गृह में अवांछित गतिविधियां पाये जाने पर कलेक्टर डॉ. जे विजय कुमार ने मुख्यालय पटवारी शिवशंकर पटैल को आवंटित शासकीय आवास क्रमांक जी-12 आवंटित आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। उनको आदेशित किया गया है कि 3 दिवस के अंदर आवासगृह रिक्त कर सूचित करें। अन्यथा संबंधित के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
उल्लेखनीय है नगर निरीक्षक थाना कोतवाली आरके गौतम द्वारा कलेक्टर को अवगत कराया है कि संबंधित पटवारी के शासकीय आवासगृह क्रमांक जी-12 में अन्य 6 व्यक्तियों के साथ जुआ खिलाते व खेलते पकड़ा गया है। जिस पर थाना कोतवाली दमोह में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। जिसमें 3 लाख 72 हजार 610 रूपये की नगदी, सात मोबाइल, 52 ताश के पत्ते जब्त किये गये हैं।
छापे के दौरान तीन आरोपी इस बार भी पकड़े गए-
छापे के दौरान तीन आरोपी इस बार भी पकड़े गए-
टेडे पटवारी के जुआ फड़ पर छापे के दौरान पिछली बार पकड़े गए छह आरोपियों में से तीन आरोपी इस बार भी पुलिस केस में नामजद किए गए हैं। पटवारी शिव शंकर पटेल के अलावा बालमुकुंद चौबे और विनोद नवानी पिछले बार भी पकड़े गए थे और इस बार भी। पिछली बार पुलिस ने तीन आरोपियों को फरार बताया था। जिनमें शराब कारोबार से जुड़े एक प्रभावशाली व्यक्ति भी शामिल था।जिसे वास्तव में पुलिस वाहन से कोतवाली लाने के बाद घर जाने दिया था। लेकिन केस डायरी में तीन आरोपियों को फरार बता दिया गया था।
पिछली बार भी सुर्खियों में रहा था पटवारी का जुआ-
पिछले साल 21-22 अक्टूबर 2017 की दरम्यानी रात तत्कालीन टीआई रीटा सिंह ने पुलिस बल के साथ कुछ चहेते खबर नवीसों की मौजूदगी में आधी रात के बाद कलेक्ट्रेट के पीछे स्थित टेढ़े पटवारी के इसी सरकारी आवास पर चल रहे लाखों के जुआ फड़ पर छापा मारा था। जिस की खबरें अगले दिन सभी प्रमुख अखबारों मैं सुर्खियां बन कर छाई रही थी।
पिछले बार 10 के बजाय 4 लाख की जब्ती के आरोप-
उस समय भी कोतवाली पुलिस पर 10 लाख का जुआ पकड़ने के बाद महज 4 लाख की जब्ती दिखाने के आरोप लगे थे। यह खबरे भी प्रमुख अखबारों की लीड खबर बनकर छाई रही थी। इधर टेड़े पटवारी ने अन्य जुआड़ियों के साथ इस मामले की शिकायत एस पी ऑफिस पहुंचकर एसपी विवेक अग्रवाल से की थी।
जिस पर श्री अग्रवाल ने एडीशनल एसपी को जांच के आदेश दिए थे। इस घटना की जांच के चलते रीटा सिंह को कोतवाली टीआई के प्रभार से हाथ धोना पड़ा था।
जिस पर श्री अग्रवाल ने एडीशनल एसपी को जांच के आदेश दिए थे। इस घटना की जांच के चलते रीटा सिंह को कोतवाली टीआई के प्रभार से हाथ धोना पड़ा था।
पिछले साल केस डायरी में पटवारी आवास से मंत्री जी के मोहल्ले पहुंच गया था जुआ फड़-
इधर इस मामले में एक और रोचक पेंच सामने आया था। सभी अखबारों और तत्कालीन सीएसपी, टीआई द्वारा मीडिया को अपने वक्तव्य में जुआ फड़ का संचालन कलेक्ट्रेट के समीप पटवारी के सरकारी आवास में होना बताया गया था। लेकिन इसी मामले में लाखों की गड़बड़ी और सेटिंग के आरोपों के बीच घटनास्थल पटवारी के सरकारी आवास को केस डायरी में मंत्री जी के मोहल्ले अर्थात मलैया मिल रेल फाटक के उस पार मुस्की बाबा क्षेत्र में स्थित टेड़े पटवारी के निज निवास के बाहर बिजली के खंभे के नीचे लाखों का जुआ फड़ गवाहों की मौजूदगी में पकड़े जाने का जिक्र तत्कालीन TI रीटा सिंह द्वारा किया गया था।
पिछले बार इस चक्कर में बचा था सरकारी आवास-
उस समय कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा से पटवारी की अच्छी ट्यूनिंग रहने, टीआई द्वारा केस डायरी में घटनास्थल सरकारी क्वार्टर के बजाय पटवारी का निजी निवास क्षेत्र के बाहर विद्युत पोल के उजाले में होना दरशा देने से उस समय तो पटवारी का सरकारी आवास का आवंटन रद्द होने से बच गया था लेकिन इस बार पटवारी की कोई चाल नहीं चल सकी।
हालांकि इस बार भी टीआई पर गड़बड़ी करने के आरोप लगाये गए परन्तु टीआई आरके गौतम द्वारा पूरी राशि की जब्ती बनाए जाने के साथ ही मामले की सूचना कलेक्टर महोदय को देने में देरी नहीं की। कलेक्टर ने भी मामले में कार्यवाही करने में कोई विलंब नहीं किया। और 24 घंटे के अंदर पटवारी को सरकारी क्वार्टर से बेदखल किए जाने का नोटिस जारी होने में देर नही लगी।
जुआ नहीं क्रिकेट के सट्टे का शौकीन है पटवारी-
इधर इस मामले में जानकारों का कहना है टेढ़े पटवारी के सरकारी आवास पर जुआ नहीं बल्कि क्रिकेट का सट्टा खिलाया जा रहा था। जिसमें लाखों के दाव मोबाइल के जरिए लगाए जाते थे। पकड़े गए 6 लोगों में वैसे भी तीन लोग तो पटवारी के शागिर्द जैसे हैं, वहीं तीन अन्य का संबंध जुआ से अधिक क्रिकेट के सट्टे से होना जग जाहिर है। ऐसे में एसपी महोदय यदि जुआड़ियों के जब्त मोबाइलों की कॉल डिटेल की जांच साइबर सेल से कराएं तो क्रिकेट के बड़े सट्टे के फट्टे का पर्दाफाश हो सकता है। अटल राजेन्द्र जैन की रिपोर्ट
0 Comments